Real Friends
सुनो अब यूँ ना सताया करो ,
आँखों में ख्वाब बन ठहर भी जाया करो
मालूम है लम्हा लम्हों से छूटता नज़र आता है
जब तू मुझसे रूठता नज़र आता है
हर साँस दूसरी सांस के इंतज़ार में होती है ,
और पूछते हो तुम ये ऑंखें क्यों रोती हैं
पन्नो में दबे गुलाब की तरह
कुछ वक़्त की सिलवटों में पड़े ख़्वाब की तरह
ढूँढा है जैसे ,खुद को साथ में तेरे
कुछ दोस्त होते हैं, किताब की तरह
मन से बहकर ,पन्नो में ढल जाया करो
सुनो अब यूँ ना सताया करो ,
परिभाषाओ की दहलीज़ पे बेनाम सा रिश्ता
अँधेरी दरारों से झांकती धूप की तरह
होता है बहुत खास ,कुछ आम सा रिश्ता
मंज़िलों की तलाश लिए रास्तो में भी खो जाया करो
सुनो अब यूँ ना सताया करो ,
Wow
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ReplyDeleteThanks Arpit
DeleteOk
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