जीवनसाथी मेरे
जाने क्यों मेरे सपने तेरी आँखों में दिखाई देतें हैं
क्यों तेरी धड़कन मेरे दिल में सुनायी देती है
ये मौन सा संगीत क्यों घेरे है हमें
चुप्पी इस हवा की क्या गा रही है
छूकर तुझे जो आती है बयार शरारती
मेरे बालो को जैसे छेड़े जा रही है
भर चूका है अंर्तमन में जाने कौन सा अहसाह
हर सांस के साथ मुझे गुदगुदाता हुआ
बस सो जाऊं एक गहरी नींद में लगता है
तेरे कंधो पे रख कर सर अपना मेरे साथी
मंज़िल की राह में क्या तुम ये एक पड़ाव दोगे
तपती धूप का मौसम है क्या थोड़ी छाँव दोगे
देखो दूर वो खड़ा पेड़ बुलाता हैं हमको
चल छाँव में उसकी खो जाएँ ,
एक हो जाएँ एक दूसरे का साया बन जीवनसाथी मेरे....
ये मौन सा संगीत क्यों घेरे है हमें
चुप्पी इस हवा की क्या गा रही है
छूकर तुझे जो आती है बयार शरारती
मेरे बालो को जैसे छेड़े जा रही है
भर चूका है अंर्तमन में जाने कौन सा अहसाह
हर सांस के साथ मुझे गुदगुदाता हुआ
बस सो जाऊं एक गहरी नींद में लगता है
तेरे कंधो पे रख कर सर अपना मेरे साथी
मंज़िल की राह में क्या तुम ये एक पड़ाव दोगे
तपती धूप का मौसम है क्या थोड़ी छाँव दोगे
देखो दूर वो खड़ा पेड़ बुलाता हैं हमको
चल छाँव में उसकी खो जाएँ ,
एक हो जाएँ एक दूसरे का साया बन जीवनसाथी मेरे....