वक़्त की शाख से लम्हे तोड़ लेना
ज़िन्दगी सीखा देती है, बारिश मे भी धूप ओढ़ लेना
रात की चादर लपेटे
एक नयी सुबह आँखों में बसाये
पलकों में तकते खड़े है ख़्वाब
इंतज़ार लिए ,जाने कब आँखों को नींद आये
सुदूर चमकता है मन के पटल पर
वो तकते ख्वाबो का साया जाने क्यों
खूबसूरत बहुत है इन्द्रधनुष की तरह और
ज़िंदगी फिर तैयार है सतरंगी रंगो में रंगने के लिए ..
एक नयी सुबह आँखों में बसाये
पलकों में तकते खड़े है ख़्वाब
इंतज़ार लिए ,जाने कब आँखों को नींद आये
सुदूर चमकता है मन के पटल पर
वो तकते ख्वाबो का साया जाने क्यों
खूबसूरत बहुत है इन्द्रधनुष की तरह और
ज़िंदगी फिर तैयार है सतरंगी रंगो में रंगने के लिए ..
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