टुकड़े भर बादल ,टुकड़े भर धूप है....
कुछ टुकड़े बादल ,कुछ टुकड़े भर धूप है
जीवन का हर दिन ,बदलता सा रूप है
जिस पल जो मिले, है दोस्ती का वादा
चल बाँट ले मिलकर ,क्यों न हम आधा आधा
एक तुडका धूप तेरी, सर्द मौसम में गुदगुदाएगी
तपती दुपहरी में कभी ,मेरी बारिश तुझे भिगाएगि
जिस पल जो रहे ,इस मौसम का इरादा
चल बाँट ले मिलकर ,क्यों न हम आधा आधा
कुछ टुकड़े बादल ,कुछ टुकड़े भर धूप है
जीवन का हर दिन ,बदलता सा रूप है ...
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