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Saturday 9 May 2015

                      माँ

माँ एक साधना ,एक स्तुति एक,एक आरती है जो गूंजती है जीवन के प्रांगण में मंगल कामनाएं लिए अपने मन में अपने बच्चो के लिए.माँ सुबह की पहली किरण सी कोमल ,शीतल अहसास है जो सहला जाता है ठंडी हवाओँ के साथ हमे प्यार से स्पर्श कर.जब अधीर हो हमारे मुख से अनायास  ही निकलता  है जो एक शब्द  वो "माँ" है.
        माँ जीवन का आधार है , विस्तार है जो ९ महीने हमे अपने अंदर आधार देती है.,फिर अगले ९ साल तक हमारे व्यक्तित्व को आकर देती है ,फिर हमे जीवन भर प्यार देती है.एक वो जगह दुनिया की जहाँ हम अपने सहज रूप को जीते है और फिर भी उसकी ममता का अमृत पीते हैँ. जहाँ पहुंच बच्चा बन जाता है मन ,अपनी उम्र के किसी भी पड़ाव पर. माँ शब्द ही पूर्ण व्याख्या है ,इसलिए और मै क्या लिखूँ, मेरी लेखनी से परे  है जिसकी व्याख्या वह ईश्वर की बनाई अद्भुत कृति है "माँ".


                                        Happy Mother's Day 

6 comments:

  1. मेरी माँ को प्रणाम

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  2. Thanks Manish ,meri aur asbhi maa ko pranam...

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  3. अति सुंदर लेखन, माँ तो माँ है, माँ एक भावना है, माँ एक एहसास है, माँ रूह है वो क्या नहीं है ... उसकी व्यख्या करना संभव नहीं है ... बधाई स्वीकार करें ...
    http://amodkumarsrivastava.blogspot.in/2011/12/blog-post_02.html

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    1. धन्यवाद आमोद भाई ,माँ का आशीष बना रहे हम सब पर

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  4. मातृ-दिवस पर बहुत सुंदर और भावपूर्ण अभिव्यक्ति...माँ को नमन!!

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    1. धन्यवाद हिमकर श्याम जी ,माँ का आशीष बना रहे हम सब पर

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