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Friday 5 February 2016


बचपन...

ये मासूम सा मुस्कुराता बचपन 
ये चेहरे का भोलापन
ये  आँखों से  छलकता निर्मल मन
ये बातों से झलकता सादापन 
उस मोड़ चले ,चल दौड़ चले चल 
चल फिर, उस बचपन की ओर चले चल
उन  बादलो में ढूंढें फिर किस्से 
कुछ मेरे हिस्से  ,कुछ तेरे हिस्से 
कुछ पींगे मारे झूलो में,कुछ ढूंढे खुशियां फिर फूलो में 
उस मोड़ चले ,चल दौड़ चले चल 
चल फिर, उस बचपन की ओर चले चल....

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