माँ के तिरंगे आँचल को नमन
वन्दे मातरम ..
जिसआँचल की छाँव में चैन से हम सोते हैं
अंक में जिसके रोज हम सपने सजोतें है
पोछें आंसूं हमारा ,जब बैचैन हम होते हैं
जिसकी शान पे मेरे भाई शरहद पे फ़ना होने हैं
नमन है तिरंगे ,तुम्हे हमारा नमन है.
आज माँ का आँचल कुछ भीगा सा और आँखें नम हैं
नमन है तिरंगे ,तुम्हे हमारा नमन है.....
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