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Friday 19 February 2016



माँ के  तिरंगे आँचल को नमन 

वन्दे मातरम ..


जिसआँचल की छाँव में चैन से हम सोते हैं
अंक में जिसके रोज हम सपने सजोतें है
पोछें आंसूं हमारा ,जब बैचैन हम होते हैं
जिसकी शान पे मेरे भाई शरहद पे फ़ना होने हैं
नमन है तिरंगे ,तुम्हे हमारा नमन  है.
आज माँ का आँचल कुछ भीगा सा और आँखें नम हैं 
नमन है तिरंगे ,तुम्हे हमारा नमन  है.....




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