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Friday 24 July 2015





















बाहें पसारे आज के सफर का ,कर दिया आगाज़ मैंने
देखते है ज़िंदगी आज ,तेरा दिल बड़ा है या दामन मेरा .....

सुप्रभात
हर दिन एक नया दिन ,एक नयी यात्रा, नयी चुनौतियाँ राह की ,गुजरना है हँसते हुए जीवन की गोद में छुपे हुए मोतियों की खोज में,रात में जब नींद की बाँहों में सोने जाये हम तब  अवश्य गिने हमने  क्या दिया आज  जीवन को और आज हमने क्या पाया जीवन से. कभी कम, कभी ज्यादा ,हम दे पातें हैं जीवन को,पर ज़िंदगी हर दिन हमे बहुत कुछ दे जाती है.बटोर ले जीवन के हर उपहार को इस संकल्प के साथ  कि कल और बेहतर स्वयं को बनाना है हमे, एक सच्चे पथिक कि तरह .



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