निर्झर लेखनी
Pages
Home
About
Thursday 16 April 2015
निर्झर लेखनी : ज़िंदगी एक बहती हुई कविता है ,जिसकी हर लहर में गोते...
निर्झर लेखनी : ज़िंदगी एक बहती हुई कविता है ,जिसकी हर लहर में गोते...
: ज़िंदगी एक बहती हुई कविता है ,जिसकी हर लहर में गोते लगाना और छुपे हुए हर लम्हों से शब्दों को चुराना फिर समय की ताल में उनको गुनगुनाना और शब...
1 comment:
Vandana Agnihotri
16 April 2015 at 09:49
Thanks a lot Emmanuel
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Thanks a lot Emmanuel
ReplyDelete