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Thursday 16 April 2015

निर्झर लेखनी : ज़िंदगी एक बहती हुई कविता है ,जिसकी हर लहर में गोते...

निर्झर लेखनी : ज़िंदगी एक बहती हुई कविता है ,जिसकी हर लहर में गोते...: ज़िंदगी एक बहती हुई कविता है ,जिसकी हर लहर में गोते लगाना और छुपे हुए हर लम्हों से शब्दों को चुराना फिर समय की ताल में उनको  गुनगुनाना और शब...

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